एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर shiv chalisa lyricsl ब्रह्मादिक पार न पाय॥
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
कहे अयोध्या आस shiv chalisa lyricsl तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
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